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Thursday, August 13, 2015

M ahila jagruti ..... क्या है आपात गर्भ निरोध?  यदि यौन संबंध के समय कंडोम या अन्य कोई साधन असफल हो जाए या महिला के साथ जबर्दस्ती की जाए (जैसे बलात्कार) या परिवार नियोजन के साधन इस्तेमाल न करने की भूल हो जाए तो 72 घंटों के भीतर दवा लेकर गर्भ ठहरने से रोका जा सकता है। इसे आपात गर्भ निरोध कहते हैं।  आपात गर्भनिरोध के साधन  यह भ्रम फैल रहा है कि विज्ञापन में दिखाई जा रही दवा ही आपात गर्भ निरोध की एकमात्र दवा है। यह सही नहीं है। आपात गर्भ निरोध के तीन अन्य साधन हैं :  लिवोनॉरजेस्ट्रॉन की एक गोली। यह दवाई की दुकानों पर उपलब्ध होती है। लिवोनॉरजेस्ट्रॉन की 1.5 मिलीग्राम की गोली यौन संबंध के बाद 72 घंटों के भीतर (अच्छा हो कि 12 घंटों के भीतर) ली जाए, तो गर्भ ठहरने से रोका जा सकता है।  एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन की गोलियाँ। ये माला-डी के नाम से सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में मिलती हैं। बाजार में मिलने वाली लिवोनॉरजेस्ट्रॉन की गोली और माला-डी में बहुत अधिक फर्क नहीं है। यौन संबंध के बाद 72 घंटों के भीतर माला-डी की दो गोलियाँ दो बार, 12 घंटों के अंतराल से ली जाती हैं।  परिवार नियोजन का कॉपर टी नामक साधन। यह भी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में लगाया जाता है।  कई महिलाएँ आर्थिक रूप से इतनी सक्षम नहीं होतीं कि वे बाजार से गोली खरीद सकें। ऐसी महिलाओं के लिए माला-डी और कॉपर-टी सबसे अच्छे विकल्प हैं क्योंकि ये सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिलते हैं।  कॉपर टी का अतिरिक्त फायदा यह होता है कि यौन संबंध के पाँच दिन बाद तक इसे लगाया जा सकता है। इसके कारण उसी ऋतु चक्र में या उसके बाद भी गर्भ को ठहरने से रोका जा सकता है। अगला ऋतु चक्र आने के बाद कॉपर टी को निकाला जा सकता है।  क्रियाविधि  अंडाशय में से अंडाणु बाहर आने की प्रक्रिया को ये गोलियाँ धीमा कर देती हैं या पूरी तरह रोक देती हैं। फिर भी यदि अंडाणु और शुक्राणु का मिलन हो जाए तो इन गोलियों के कारण गर्भाशय की भीतरी दीवारी में ऐसे बदलाव हो जाते हैं जिनके कारण गर्भ ठहर नहीं पाता क्योंकि निषेचित भ्रूण गर्भाशय की दीवार से चिपक ही नहीं पाता।  ध्यान में रखने की बात यह है कि गर्भ ठहर जाने के बाद ये गोलियाँ काम नहीं करतीं मतलब ये गर्भ निरोधक गोलियाँ हैं, ठहरे हुए गर्भ को समाप्त करने (गर्भपात) की नहीं।  एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि यौन संबंध के 12 घंटों के भीतर ये गोलियाँ ली जाएँ तो गर्भ न ठहरने की संभावना 95 प्रतिशत होती है। यदि गोलियाँ 47 से 61 घंटों के भीतर ली जाएँ तो गर्भ न ठहरने की संभावना केवल 47 प्रतिशत रह जाती है।  यदि महिला ये गोलियाँ ले और वे असफल हो जाएँ तो उसके बच्चे में कई प्रकार की विकृतियाँ हो सकती हैं : उसकी योनि (यदि बच्चा मादा है) की पेशियों में कमजोरी, शरीर के अन्य अंगों में विकृतियाँ, कैंसर या हृदय रोग हो सकता है। कौन-सी माँ अपने बच्चे में इस प्रकार की विकृतियाँ देखना चाहेगी?  अन्य सावधानियाँ  कई लोगों को यह पता नहीं होता कि यह गोली केवल एक ही बार गर्भधारण से बचाव कर सकती है। यदि दोबारा असुरक्षित यौन संबंध हो जाए तो फिर से गोली लेना जरूरी होता है। एक अन्य खतरा यह होता है कि यदि गोली असफल हो जाए तो ठहरने वाला गर्भ माँ के पेट में, गर्भाशय के बाहर कहीं भी ठहर सकता है। इससे उस महिला की जान को गंभीर खतरा हो सकता है। अतः अगर गोली लेने के बाद दो सप्ताह के भीतर पेट में तेज दर्द उठे तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए।  परेशानियाँ  जी मिचलाना- 20 प्रतिशत महिलाओं को पहले 24 घंटों में यह परेशानी होने लगती है। यदि गोली को दूध या भोजन के साथ लिया जाए और उल्टी न होने की दवा ली जाए तो यह परेशानी काफी कम की जा सकती है।  उल्टियाँ - पाँच प्रतिशत महिलाओं को यह परेशानी हो सकती है। यदि गोली लेने के दो घंटों के भीतर उल्टी हो जाए तो गोली फिर से लेना जरूरी होता है।  अनियमित मासिक धर्म - ये गोलियाँ लेने के बाद कुछ माह तक मासिक धर्म अनियमित हो सकता है या मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव की शिकायत हो सकती है। इनके अलावा सिरदर्द, चक्कर आना, थकान और स्तनों में दर्द की भी समस्या आ सकती है।  कौन न लें?  जिन्हें हृदय की बीमारी है। जिन्हें मस्तिष्क या शरीर के अन्य किसी भाग में रक्त का थक्का जमने की बीमारी है।  माइग्रेन के मरीज जिन्हें एंजाइमा की शिकायत है जिन्हें लीवर की कोई बीमारी है बार-बार लेने पर  इन दवाओं को बार-बार लेने के घातक परिणाम हो सकते हैं। स्त्रियों के प्रजनन अंगों पर इनका विपरीत प्रभाव पड़ता है।  उपयोग करने के इच्छुक व्यक्तियों को चाहिए कि वे डॉक्टर से दवाओं के खराब असर, इनके असफल होने की संभावना, और गर्भाशय से बाहर गर्भ धारण की संभावना के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें। यदि अगला मासिक धर्म न आए या मासिक धर्म के समय बहुत अधिक खून बहने लगे तो दोबारा डॉक्टर से जाँच करवाना चाहिए।  ND डॉक्टर से जाँच करवाकर यह सुनिश्चित कर लें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार महिला इस दवा को लेने के लिए सक्षम है या नहीं।  आपात गर्भ निरोधक गोलियों का विज्ञापन जिस तरह से किया जा रहा है उससे समाज में और विशेष रूप से युवा वर्ग में यह भ्रांति फैल रही है कि बिना किसी डर के यौन संबंध बनाए जाओ। गोली है ना! लेकिन ऐसा नहीं है। एक वाहन पर लिखा था, 'सबसे अच्छा ब्रेक- मन का ब्रेक'। यही बात यौन संबंधों पर भी लागू होती है। युवाओं को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आपात गोली की जरूरत न पड़े। ऐसा न हो कि आपात गोली आफत की गोली बन जाए

Rastragiet..India

Zandagit vandematarm git

Tuesday, August 11, 2015

Salman Khan is an Indian actor who appears in Bollywood films. Khan made his debut in 1989 with a supporting role in the family drama Biwi Ho To Aisi, following which he had his breakthrough role in Sooraj Barjatya'sblockbuster romance Maine Pyar Kiya, for which he earned a Filmfare Award for Best Male Debut.[1][2][3] During the early 1990s, he starred in the action drama Baaghi: A Rebel for Love (1990), the action film Patthar Ke Phool (1991), and the romance Saajan (1991), all of which were financially successful.[4][5][6]However, his other releases during this period, including Suryavanshi (1992),Jaagruti (1992), and Dil Tera Aashiq(1993), failed commercially, resulting in a brief setback in his career.[6][7] In 1994, Khan featured in the Barjatya-directed family drama Hum Aapke Hain Koun..!, which proved to be the highest-grossing Bollywood film to that point; the success of the film established his career in Bollywood.[8][9] Also that year, he featured alongside Aamir Khan in the comedy Andaz Apna Apna, which despite being a box-office flop has developed a cult status in India.[10] Khan went on to play with Shah Rukh Khan inRakesh Roshan's melodramatic thrillerKaran Arjun (1995), which emerged as the year's second highest-grossing Hindi film.[11] Among his three film releases of 1996 were the musical drama Khamoshi and the drama Jeet.[12]The following year, he played dual roles in David Dhawan's comedy Judwaa. In 1998, Khan featured in Sohail Khan'sPyaar Kiya To Darna Kya, and appeared briefly in the romantic drama Kuch Kuch Hota Hai, both of which ranked among the top-earning Bollywood productions of 1998.[13] For the latter, he was awarded the Filmfare Award for Best Supporting Actor.[14] In 1999, Khan starred in three commercially successful productions: the comedy Biwi No.1, the romantic drama Hum Dil De Chuke Sanam, and the family drama Hum Saath-Saath Hain.[15]His next roles were in the romantic dramas Har Dil Jo Pyar Karega (2000) and Chori Chori Chupke Chupke (2001), both opposite Rani Mukerji and Preity Zinta. Khan had three film releases in 2002: Tumko Na Bhool Paayenge, Hum Tumhare Hain Sanam, and Yeh Hai Jalwa. In 2003, Khan earned praise for playing a scorned lover in the romantic film Tere Naam, and made a brief appearance in the family drama Baghban.[16][17] He went on to play the lead in the top-grossing Hindi films Garv (2004), Mujhse Shaadi Karogi (2004), No Entry (2005), and Partner (2007).[18] Khan made his television debut by hosting two seasons of the game show 10 Ka Dum (2008–09). Following a series of commercial flops, including the dramas Jaan-E-Mann(2006), Salaam-e-Ishq: A Tribute to Love(2007), and Yuvvraaj (2008), Khan featured in the action thriller Wanted(2009), a box-office hit.[6][19][20] In 2010, he played a Pindari prince in the historical film Veer and a corrupt police officer in the action film Dabangg. Khan, in 2010, featured as the host of the television game show Bigg Boss; he later hosted four more seasons of the show. In 2011, he starred in the action-comedy film Ready, and played oppositeKareena Kapoor in the action dramaBodyguard. Also that year, Khan produced the children's film Chillar Partyunder his production company Salman Khan Being Human Productions, which won him the National Film Award for Best Children's Film.[21] After playing aRAW agent in the spy thriller Ek Tha Tiger (2012), he starred in the second instalment of the Dabangg film series, entitled Dabangg 2 (2012). Khan hosted two ceremonies of the award show Star Guild Awards in 2013 and 2014. Among his two film releases of 2014, the action film Kick became his seventh film to gross over ₹1 billion at the box-office.[a]

Moon history and iemej..

Moon This article is about Earth's natural satellite. For moons in general, see Natural satellite. For other uses, see Moon (disambiguation). Moon   Full moon as seen from Earth's northern hemisphere Designations Adjectives lunar selenic Orbital characteristics Perigee 362600 km (356400–370400 km) Apogee 405400 km (404000–406700 km) Semi-major axis 384399 km (0.00257 AU)[1] Eccentricity 0.0549 [1] Orbital period 27.321582 d (27 d 7 h 43.1 min[1]) Synodic period 29.530589 d (29 d 12 h 44 min 2.9 s) Average orbital speed 1.022 km/s Inclination 5.145° to the ecliptic[2][a] Longitude of ascending node regressing by one revolution in 18.6 years Argument of perigee progressing by one revolution in 8.85 years Satellite of Earth Physical characteristics Mean radius 1737.10 km (0.273 Earths)[1][3][4] Equatorial radius 1738.14 km (0.273 Earths)[3] Polar radius 1735.97 km (0.273 Earths)[3] Flattening 0.00125 Circumference 10921 km (equatorial) Surface area 3.793×107 km2 (0.074 Earths) Volume 2.1958×1010 km3 (0.020 Earths) Mass 7.3477×1022 kg (0.012300 Earths[1]) Mean density 3.3464 g/cm3[1] 0.606 × Earth Surface gravity 1.622 m/s2 (0.1654 g) Moment of inertia factor 0.3929±0.0009[5] Escape velocity 2.38 km/s Sidereal rotation period 27.321582 d (synchronous) Equatorial rotation velocity 4.627 m/s Axial tilt 1.5424° to ecliptic 6.687° to orbit plane[2] Albedo 0.136[6] Surface temp. min mean max Equator 100 K 220 K 390 K 85°N [7] 70 K 130 K 230 K Apparent magnitude −2.5 to −12.9[b] −12.74 (mean full moon)[3] Angular diameter 29.3 to 34.1 arcminutes[3][c] Atmosphere[8] Surface pressure 10−7 Pa (day) 10−10 Pa (night)[d

Sardar Patel.India.