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Tuesday, February 23, 2016

Gazal

गजल ! दूर से देखा तो बडे ही सुहाने मन्जर थे ! पास पहुचे तो सारे खेत ब॑जर थे !! हम उनके पास से भी प्यासे लॊटे ! जिनकी आ॑खो मे, प्यार के समन्दर थे !! मासूम चेहरो मे जब भी झा॑क कर देखा ! कितने ही शैतान उनके अन्दर थे !! खुशी-खुशी उनके पहलू मे जा बैठे ! जिनके हाथो मे खूनी ख॑जर थे !! वक्त की मार से बच सका है कॊन ! मिल गये धूल मे, कल तक जो सिकन्दर थे !!