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Saturday, September 5, 2015

Hanisih singar India

जन्मनाम हिर्देश सिंह अन्य नाम यो! यो! हनी सिंह जन्म मार्च 15, 1984 (आयु 31 वर्ष) होशियारपुर निवास पंजाब (भारत) शैली देसी हिप हॉप, पंजाबी, भांगड़ा, आर & बी व्यवसाय रैप गायक, गायक, संगीतकार और अभिनेता सक्रिय वर्ष २००६–वर्तमान रिकॉर्ड लेबल टी-सीरीज़ संबंधित प्रदर्शन अल्फाज़, दिलजीत दोसांझ, मिका सिंह, जे-स्टार, मनी औज्ला, बादशाह, जैज़ी बी, रफ़्तार, नेहा कक्कड़, लिल गोलू, जालस्थल/वेबसाइट YoYoHoneySingh.com हनी सिंह (जिन्हें यो! यो! हनी सिंह के नाम से भी जाना जाता है[1]) एक पंजाबी रैप गायक, संगीतकार, गायक और फिल्म अभिनेता हैं। हनी सिंह ने अपने कार्यकाल की शुरुआत एक सत्र और रिकॉर्डिंग कलाकार के तौर पर २००६ में की थी और जल्द ही वह एक भांगड़ा संगीतकार बन गए। हनी सिंह ने अपना हाथ बॉलीवुड में भी आज़माया है और वर्तमान में वो किसी एक गाने के लिए सबसे ज्यादा पारिश्रमिक लेने वाले कलाकार बन गए है।[2] आजकल लगभग हर फिल्म में उनका एक गाना होता ही है। रैप गायन इन्होने इंगलैंड के ट्रिनिटी विश्वविद्दालय (स्कूल ऑफ ट्रिनिटी)[1] में सीखा था। बॉलिवुड हनी सिंह ने भी बॉलीवुड में व्यापक रूप से लोकप्रिय हो गया है। उन्होंने कहा कि पहली फिल्म Shakal पे चटाई ja के लिए गगन सिद्धू की विशेषता एक बॉलीवुड फिल्म में अपने कैरियर की शुरुआत गीत के बाद देखा गया था। उन्होंने यह भी रुपये का आरोप लगाया गया है। 7 और nbsp; मिलियन नसीरुद्दीन शाह अभिनीत Mastaan ​​ शीर्षक से एक आगामी फिल्म में एक गीत के लिए। यह शहद सिंह सबसे अधिक वेतन पाने संगीत कलाकार से एक में बना तिथि करने के लिए बॉलीवुड में एक गीत कलाकार के लिए भुगतान की सबसे बड़ी राशि है, Bollywood.[3] हनी सिंह इस गीत के लिए उच्चतम शुल्क का भुगतान किया। हिन्दुस्तान टाइम्स (2 मई 2012)। 4 मई को लिया गया। इसके अलावा एक गीत 'नाम हनी सिंह के एलबम' से 'Angreji Beat' इंटरनेशनल गाँव 'Gippy ग्रेवाल, में चित्रित किया गया था की विशेषता सैफ अली खान की फिल्म' ' कॉकटेल'। सिंह ने भी अपने एकल ट्रैक "बैक फुट मुझे लाने के। शब्द बोला" वीडियो संगीत पुरस्कार भारत में [एमटीवी इंडिया] जिस पर प्रसारित शुभारंभ किया। अवार्ड शो भारत सहित दुनिया भर में कई फिल्मों और स्वतंत्र कलाकारों के साथ पैक किया गया था। शो के अंत के बाद, उनके गीत भी चैनल में प्रीमियर हुआ। उन्होंने कहा कि इस तरह के चेन्नई एक्सप्रेस और [बॉस (2013 हिन्दी फिल्म)] के रूप में मुख्यधारा के बड़े बजट की फिल्मों में गाने के उत्पादन के बाद, देर से 2013 में बॉलीवुड में मजबूत प्रसिद्धि और उच्च लोकप्रियता के लिए गुलाब । उन्होंने भी इस तरह के रूप में छोटे बजट की फिल्मों में लोकप्रिय गीत है मेरे डैड की मारुति , Bajatey रहो और fugly ' '। देर से 2014 में, हनी सिंह अचानक बॉलीवुड से गायब हो गया और महीनों के लिए किसी भी संगीत जारी नहीं किया था। कई सिद्धांतों को उसके अचानक गायब होने के बारे में गुलाब, लेकिन बहुमत नकली थे। साँचा:प्रशस्ति पत्र की जरूरत 2014 के अंत के आसपास बॉलीवुड के संगीत परिदृश्य में अनुपस्थित रहने के बाद, सिंह वर्ष के अपने पहले गीत, "जन्मदिन" के साथ फरवरी 2015 में वापसी की।

Wednesday, September 2, 2015

GANESH CHATURTHI.

गणेश चतुर्थी गणेश चतुर्थी आधिकारिक नामगणेश चतुर्थी अनुयायीहिन्दू, भारतीय, भारतीय प्रवासी तिथिभाद्रपद शुक्ल चतुर्थी उत्सवदस दिन गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार महाराष्ट्र में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता हैं। पुराणानुसार शिवपुराणमें भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मंगलमूर्तिगणेश की अवतरण-तिथि बताया गया है जबकि गणेशपुराणके मत से यह गणेशावतार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को हुआ था। गण + पति = गणपति। संस्कृतकोशानुसार ‘गण’ अर्थात पवित्रक। ‘पति’ अर्थात स्वामी, ‘गणपति’ अर्थात पवित्रकोंके स्वामी

Ganesh p ujan.story.

V NEXT »  श्री गणेश चतुर्थी व्रत कथा श्री गणेश चतुर्थी व्रत को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलन में है. कथा के अनुसार एक बार भगवान शंकर और माता पार्वती नर्मदा नदी के निकट बैठे थें. वहां देवी पार्वती ने भगवान भोलेनाथ से समय व्यतीत करने के लिये चौपड खेलने को कहा. भगवान शंकर चौपड खेलने के लिये तो तैयार हो गये. परन्तु इस खेल मे हार-जीत का फैसला कौन करेगा? इसका प्रश्न उठा, इसके जवाब में भगवान भोलेनाथ ने कुछ तिनके एकत्रित कर उसका पुतला बना, उस पुतले की प्राण प्रतिष्ठा कर दी. और पुतले से कहा कि बेटा हम चौपड खेलना चाहते है. परन्तु हमारी हार-जीत का फैसला करने वाला कोई नहीं है. इसलिये तुम बताना की हम मे से कौन हारा और कौन जीता. सांई बाबा की काकड़ आरती !! यह कहने के बाद चौपड का खेल शुरु हो गया. खेल तीन बार खेला गया, और संयोग से तीनों बार पार्वती जी जीत गई. खेल के समाप्त होने पर बालक से हार-जीत का फैसला करने के लिये कहा गया, तो बालक ने महादेव को विजयी बताया. यह सुनकर माता पार्वती क्रोधित हो गई. और उन्होंने क्रोध में आकर बालक को लंगडा होने व किचड में पडे रहने का श्राप दे दिया. बालक ने माता से माफी मांगी और कहा की मुझसे अज्ञानता वश ऎसा हुआ, मैनें किसी द्वेष में ऎसा नहीं किया. बालक के क्षमा मांगने पर माता ने कहा की, यहां गणेश पूजन के लिये नाग कन्याएं आयेंगी, उनके कहे अनुसार तुम गणेश व्रत करो, ऎसा करने से तुम मुझे प्राप्त करोगें, यह कहकर माता, भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर चली गई. गणेश वंदना ठिक एक वर्ष बाद उस स्थान पर नाग कन्याएं आईं. नाग कन्याओं से श्री गणेश के व्रत की विधि मालुम करने पर उस बालक ने 21 दिन लगातार गणेश जी का व्रत किया. उसकी श्रद्वा देखकर गणेश जी प्रसन्न हो गए. और श्री गणेश ने बालक को मनोवांछित फल मांगने के लिये कहा. बालक ने कहा की है विनायक मुझमें इतनी शक्ति दीजिए, कि मैं अपने पैरों से चलकर अपने माता-पिता के साथ कैलाश पर्वत पर पहुंच सकूं और वो यह देख प्रसन्न हों. बालक को यह वरदान दे, श्री गणेश अन्तर्धान हो गए. बालक इसके बाद कैलाश पर्वत पर पहुंच गया. और अपने कैलाश पर्वत पर पहुंचने की कथा उसने भगवान महादेव को सुनाई. उस दिन से पार्वती जी शिवजी से विमुख हो गई. देवी के रुष्ठ होने पर भगवान शंकर ने भी बालक के बताये अनुसार श्री गणेश का व्रत 21 दिनों तक किया. इसके प्रभाव से माता के मन से भगवान भोलेनाथ के लिये जो नाराजगी थी. वह समाप्त होई. यह व्रत विधि भगवन शंकर ने माता पार्वती को बताई. यह सुन माता पार्वती के मन में भी अपने पुत्र कार्तिकेय से मिलने की इच्छा जाग्रत हुई. माता ने भी 21 दिन तक श्री गणेश व्रत किया और दुर्वा, पुष्प और लड्डूओं से श्री गणेश जी का पूजन किया. व्रत के 21 वें दिन कार्तिकेय स्वयं पार्वती जी से आ मिलें. उस दिन से श्री गणेश चतुर्थी का व्रत मनोकामना पूरी करने वाला व्रत माना जाता है. विनायक चतुर्थी व्रत विधि श्री गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन हुआ था. इसलिये इनके जन्म दिवस को व्रत कर श्री गणेश जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है. जिस वर्ष में यह व्रत रविवार और मंगलवार के दिन का होता है. उस वर्ष में इस व्रत को महाचतुर्थी व्रत कहा जाता है.