Saturday, October 3, 2015
Friday, October 2, 2015
Friday, September 18, 2015
Wednesday, September 16, 2015
Sunday, September 13, 2015
Ajab gajab kahanl Hindi
Ajab Prem Ki Ghazab Kahani (Hindi: अजब प्रेम की ग़ज़ब कहानी, Ajab Prēm Kī Ġazab Kahānī ?; English: Unique Prem's (Love's) Amazing Story) is a 2009 romantic comedy film. It stars Ranbir Kapoor and Katrina Kaif in lead roles.[3] Salman Khan and director Rajkumar Santoshi appear in cameo roles.It is a remake of Telugu movie Soggadu which released in the year 2005.
Plot
Prem (Ranbir Kapoor) is a free-loader who, while helping his friend elope, meets Jenny (Katrina Kaif). They both share the trait of developing a stammer when they are emotional. In such a moment, the stammering Jenny induces a spontaneous stammer in Prem, which she misunderstands for mockery. Although this makes her dislike Prem initially, when she finds out his stammer is authentic, the two become friends. Prem's feelings eventually blossom to love, although Jenny is oblivious to this and only considers him a friend. When he tries to tell Jenny his feelings, he finds out that Jenny is in love with her college friend Rahul (Upen Patel). On her wedding day to Tony (Pradeep Kharab), who her parents force her to marry, Prem helps Jenny escape.
He then meets Rahul and finds out that Rahul loves Jenny more than his family, so helps them board a train to escape. However, Rahul disappears at the train station, and Jenny returns to Prem so Prem can help her find Rahul.
As Rahul's father does not like Jenny and completely opposes relationship between Jenny and Rahul, mainly due to the religious barrier, Jenny being a Christian and Rahul a Hindu, when Prem visits Rahul's house for Jenny's proposal with Rahul, he is insulted by Rahul's father. Prem convinces his mother to let Jenny hide in their house while Rahul's family search for her, but they are eventually caught by the police. After that, Jenny lies to the police, claiming that she and Prem are in love, to save Rahul's name. While Prem corroborates Jenny's lie, he gets emotional and spurts out his true feelings for Jenny, which Jenny mistakes for over-acting.
Prem and Jenny successfully go to the club to get reunited with Rahul. Rahul tells Prem that he (Rahul) and Jenny are going to prepare the wedding in two days.
Unfortunately, a day before the wedding, Jenny gets kidnapped by Sajid Don (Zakir Hussain) who is seeking a ransom from Rahul's father in exchange for her.Prem and his buddies find her in Sajid Don's warehouse. A hilarious fight ensues between Prem and Sajid Don's gang. Prem's father (Darshan Jariwala) joins the fight, too. Later on, Sajid Don, a wanted criminal, gets arrested.
Friday, September 11, 2015
Sunday, September 6, 2015
Saturday, September 5, 2015
Hanisih singar India
जन्मनाम हिर्देश सिंह
अन्य नाम यो! यो! हनी सिंह
जन्म मार्च 15, 1984 (आयु 31 वर्ष)
होशियारपुर
निवास पंजाब (भारत)
शैली देसी हिप हॉप, पंजाबी, भांगड़ा, आर & बी
व्यवसाय रैप गायक, गायक, संगीतकार और अभिनेता
सक्रिय वर्ष २००६–वर्तमान
रिकॉर्ड लेबल टी-सीरीज़
संबंधित प्रदर्शन अल्फाज़, दिलजीत दोसांझ, मिका सिंह, जे-स्टार, मनी औज्ला, बादशाह, जैज़ी बी, रफ़्तार, नेहा कक्कड़, लिल गोलू,
जालस्थल/वेबसाइट YoYoHoneySingh.com
हनी सिंह (जिन्हें यो! यो! हनी सिंह के नाम से भी जाना जाता है[1]) एक पंजाबी रैप गायक, संगीतकार, गायक और फिल्म अभिनेता हैं। हनी सिंह ने अपने कार्यकाल की शुरुआत एक सत्र और रिकॉर्डिंग कलाकार के तौर पर २००६ में की थी और जल्द ही वह एक भांगड़ा संगीतकार बन गए। हनी सिंह ने अपना हाथ बॉलीवुड में भी आज़माया है और वर्तमान में वो किसी एक गाने के लिए सबसे ज्यादा पारिश्रमिक लेने वाले कलाकार बन गए है।[2] आजकल लगभग हर फिल्म में उनका एक गाना होता ही है। रैप गायन इन्होने इंगलैंड के ट्रिनिटी विश्वविद्दालय (स्कूल ऑफ ट्रिनिटी)[1] में सीखा था।
बॉलिवुड
हनी सिंह ने भी बॉलीवुड में व्यापक रूप से लोकप्रिय हो गया है। उन्होंने कहा कि पहली फिल्म Shakal पे चटाई ja के लिए गगन सिद्धू की विशेषता एक बॉलीवुड फिल्म में अपने कैरियर की शुरुआत गीत के बाद देखा गया था। उन्होंने यह भी रुपये का आरोप लगाया गया है। 7 और nbsp; मिलियन नसीरुद्दीन शाह अभिनीत Mastaan शीर्षक से एक आगामी फिल्म में एक गीत के लिए। यह शहद सिंह सबसे अधिक वेतन पाने संगीत कलाकार से एक में बना तिथि करने के लिए बॉलीवुड में एक गीत कलाकार के लिए भुगतान की सबसे बड़ी राशि है, Bollywood.[3] हनी सिंह इस गीत के लिए उच्चतम शुल्क का भुगतान किया। हिन्दुस्तान टाइम्स (2 मई 2012)। 4 मई को लिया गया।
इसके अलावा एक गीत 'नाम हनी सिंह के एलबम' से 'Angreji Beat' इंटरनेशनल गाँव 'Gippy ग्रेवाल, में चित्रित किया गया था की विशेषता सैफ अली खान की फिल्म' ' कॉकटेल'।
सिंह ने भी अपने एकल ट्रैक "बैक फुट मुझे लाने के। शब्द बोला" वीडियो संगीत पुरस्कार भारत में [एमटीवी इंडिया] जिस पर प्रसारित शुभारंभ किया। अवार्ड शो भारत सहित दुनिया भर में कई फिल्मों और स्वतंत्र कलाकारों के साथ पैक किया गया था। शो के अंत के बाद, उनके गीत भी चैनल में प्रीमियर हुआ।
उन्होंने कहा कि इस तरह के चेन्नई एक्सप्रेस और [बॉस (2013 हिन्दी फिल्म)] के रूप में मुख्यधारा के बड़े बजट की फिल्मों में गाने के उत्पादन के बाद, देर से 2013 में बॉलीवुड में मजबूत प्रसिद्धि और उच्च लोकप्रियता के लिए गुलाब । उन्होंने भी इस तरह के रूप में छोटे बजट की फिल्मों में लोकप्रिय गीत है मेरे डैड की मारुति , Bajatey रहो और fugly ' '। देर से 2014 में, हनी सिंह अचानक बॉलीवुड से गायब हो गया और महीनों के लिए किसी भी संगीत जारी नहीं किया था। कई सिद्धांतों को उसके अचानक गायब होने के बारे में गुलाब, लेकिन बहुमत नकली थे। साँचा:प्रशस्ति पत्र की जरूरत
2014 के अंत के आसपास बॉलीवुड के संगीत परिदृश्य में अनुपस्थित रहने के बाद, सिंह वर्ष के अपने पहले गीत, "जन्मदिन" के साथ फरवरी 2015 में वापसी की।
Wednesday, September 2, 2015
GANESH CHATURTHI.
गणेश चतुर्थी गणेश चतुर्थी आधिकारिक नामगणेश चतुर्थी अनुयायीहिन्दू, भारतीय, भारतीय प्रवासी तिथिभाद्रपद शुक्ल चतुर्थी उत्सवदस दिन गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार महाराष्ट्र में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता हैं। पुराणानुसार शिवपुराणमें भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मंगलमूर्तिगणेश की अवतरण-तिथि बताया गया है जबकि गणेशपुराणके मत से यह गणेशावतार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को हुआ था। गण + पति = गणपति। संस्कृतकोशानुसार ‘गण’ अर्थात पवित्रक। ‘पति’ अर्थात स्वामी, ‘गणपति’ अर्थात पवित्रकोंके स्वामी
Ganesh p ujan.story.
V
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श्री गणेश चतुर्थी व्रत कथा श्री गणेश चतुर्थी व्रत को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलन में है. कथा के अनुसार एक बार भगवान शंकर और माता पार्वती नर्मदा नदी के निकट बैठे थें. वहां देवी पार्वती ने भगवान भोलेनाथ से समय व्यतीत करने के लिये चौपड खेलने को कहा. भगवान शंकर चौपड खेलने के लिये तो तैयार हो गये. परन्तु इस खेल मे हार-जीत का फैसला कौन करेगा? इसका प्रश्न उठा, इसके जवाब में भगवान भोलेनाथ ने कुछ तिनके एकत्रित कर उसका पुतला बना, उस पुतले की प्राण प्रतिष्ठा कर दी. और पुतले से कहा कि बेटा हम चौपड खेलना चाहते है. परन्तु हमारी हार-जीत का फैसला करने वाला कोई नहीं है. इसलिये तुम बताना की हम मे से कौन हारा और कौन जीता. सांई बाबा की काकड़ आरती !! यह कहने के बाद चौपड का खेल शुरु हो गया. खेल तीन बार खेला गया, और संयोग से तीनों बार पार्वती जी जीत गई. खेल के समाप्त होने पर बालक से हार-जीत का फैसला करने के लिये कहा गया, तो बालक ने महादेव को विजयी बताया. यह सुनकर माता पार्वती क्रोधित हो गई. और उन्होंने क्रोध में आकर बालक को लंगडा होने व किचड में पडे रहने का श्राप दे दिया. बालक ने माता से माफी मांगी और कहा की मुझसे अज्ञानता वश ऎसा हुआ, मैनें किसी द्वेष में ऎसा नहीं किया. बालक के क्षमा मांगने पर माता ने कहा की, यहां गणेश पूजन के लिये नाग कन्याएं आयेंगी, उनके कहे अनुसार तुम गणेश व्रत करो, ऎसा करने से तुम मुझे प्राप्त करोगें, यह कहकर माता, भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर चली गई. गणेश वंदना ठिक एक वर्ष बाद उस स्थान पर नाग कन्याएं आईं. नाग कन्याओं से श्री गणेश के व्रत की विधि मालुम करने पर उस बालक ने 21 दिन लगातार गणेश जी का व्रत किया. उसकी श्रद्वा देखकर गणेश जी प्रसन्न हो गए. और श्री गणेश ने बालक को मनोवांछित फल मांगने के लिये कहा. बालक ने कहा की है विनायक मुझमें इतनी शक्ति दीजिए, कि मैं अपने पैरों से चलकर अपने माता-पिता के साथ कैलाश पर्वत पर पहुंच सकूं और वो यह देख प्रसन्न हों. बालक को यह वरदान दे, श्री गणेश अन्तर्धान हो गए. बालक इसके बाद कैलाश पर्वत पर पहुंच गया. और अपने कैलाश पर्वत पर पहुंचने की कथा उसने भगवान महादेव को सुनाई. उस दिन से पार्वती जी शिवजी से विमुख हो गई. देवी के रुष्ठ होने पर भगवान शंकर ने भी बालक के बताये अनुसार श्री गणेश का व्रत 21 दिनों तक किया. इसके प्रभाव से माता के मन से भगवान भोलेनाथ के लिये जो नाराजगी थी. वह समाप्त होई. यह व्रत विधि भगवन शंकर ने माता पार्वती को बताई. यह सुन माता पार्वती के मन में भी अपने पुत्र कार्तिकेय से मिलने की इच्छा जाग्रत हुई. माता ने भी 21 दिन तक श्री गणेश व्रत किया और दुर्वा, पुष्प और लड्डूओं से श्री गणेश जी का पूजन किया. व्रत के 21 वें दिन कार्तिकेय स्वयं पार्वती जी से आ मिलें. उस दिन से श्री गणेश चतुर्थी का व्रत मनोकामना पूरी करने वाला व्रत माना जाता है. विनायक चतुर्थी व्रत विधि श्री गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन हुआ था. इसलिये इनके जन्म दिवस को व्रत कर श्री गणेश जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है. जिस वर्ष में यह व्रत रविवार और मंगलवार के दिन का होता है. उस वर्ष में इस व्रत को महाचतुर्थी व्रत कहा जाता है.
Tuesday, September 1, 2015
Sunday, August 23, 2015
Friday, August 21, 2015
Kalsarp yog Kay hye..mantr...
क्या है कालसर्प योग
राहु और केतु
मूलत: राहु-केतु दोनों ही आध्यात्मिक ग्रह हैं। अत: इन ग्रहों के विशेष अध्ययन की नितांत आवश्यकता है। वास्तव में राहु-केतु ग्रहों का हमारे कार्मिक फल से बहुत गहरा संबंध है। ये ग्रह जीवन के सूक्ष्म बिन्दुओं के ज्यादा निकट हैं। इनका सीधा संबंधा हमारी चेतना से है। (ये दोनों ग्रह अपना प्रभाव देने में अचूक हैं।
वैज्ञानिक विचार
राहु-केतु ग्रहों को छाया ग्रह कहा जाता है, क्योंकि आकाश में ये दोनों ग्रह बिन्दुओं के रूप में दृष्टिगोचर होते हैं। जहां सूर्य और चन्द्र पथ एक-दूसरे से मिलते हैं। उस बिन्दु विशेष को राहु-केतु छयाग्रह कहा गया है।
प्रभाव
मुख्यत: इन छाया ग्रहों से जातक के आंतरिक स्वभाव का पता चलता है। जिसके अनुसार जातक अपने जीवन को गतिमान कर सकता है। इन ग्रहों की स्पष्ट व्याख्या से व्यक्ति अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों का पूर्वानुमान लगाकर उनसे अपनी सुरक्षा कर सकता है। किन्तु इन छाया ग्रहों के बारे में एक बात सत्य है कि इन ग्रहों द्वारा जीवन में जो भी अनिष्टकारी घटनायें होती है। वे जातक को आध्यात्म की ओर अग्रसर करती है। केतु एक धवजा भी है। किन्तु ध्वजा का अर्थ पताका या झंडा नही है। केतु को ध्वजा कहने का अर्थ है कि केतु परमात्मा की शक्ति का मूर्त रूप है। जिसके प्रभाव और चेतना से मनुष्य इस सृष्टि में व्याप्त उस सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी शक्ति का अनुभव कर सकता है।
राहु और केतु से मुख्यत 12 प्रकार के कालसर्प योग बनते है
1. अन्नत कालसर्प योग
राहु जब लग्न में हो और केतु सप्तम भाव में इस बीच सारे ग्रह स्थित हो तो हो तो अन्नत नामक कालसर्प योग बनता है और इस कालसर्प योग के प्रभाव से जातक धनवान, बलवान, बुद्विमान आध्यात्मवेता होता है साथ-साथ बहुत ही दृढ़़ निश्चयी और साहसी होगा। हां इतना जरुर मैंने देखा है कि उसकी पत्नी का स्वास्थ्य हमेशा प्रतिकूल रहता है। परन्तु वे अपने पुरुषार्थ से अच्छी सफलता पाते हैं।
उपाय
सूर्योदय के बाद तांबे के पात्र में गेहूं, गुड़, भर कर बहते जल में प्रवाह करें। संतान कष्ट हो तो काला और सफेद कम्बल गरीब को दान करें।
प्रतिदिन एक माला ‘ú नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें। पर शिव का रुद्राभिषेक करें।
कालसर्पदोष निवारक यंत्र घर में स्थापित करके उसका नियमित पूजन करें।
2. कुलिक काल सर्पयोग
जब राहु दूसरे घर में हो और केतु अष्टम् स्थान में इस बीच सारे ग्रह स्थित हो तो कुलिक नामक कालसर्प योग बनता है।
इस भाव में राहु हमेशा जातक को दोहरे स्वभाव का बनाता है। अत्याधिक आत्मविश्वास के कारण अनेकों प्रकार की परेशानियों का सामना इन्हें करना पड़ता है। प्रियजनों का विरह झेलना पड़ता है। कई बार इस जातक को पाइल्स की शिकायत भी देखी गई है। कारण की केतु अष्टम स्थान में है। परन्तु एक बात मैंने देखी है कि केतु यहां पर मेष, वृष, मिथुन, कन्या और वृश्चिक राषि में हो तो जातक के पास धन की कमी नहीं होती। ऐसे व्यक्तियों को विरासत में बहुत धरोहर मिलती है।
उपाय
चांदी की ठोस गोली सफेद धागे में हमेशा गले में धारण करें। केसर का तिलक लगाना भी आपके लिए शुभ होगा।
21 रविवार को बहते पानी में श्रद्वानुसार लकड़ी के कच्चे कोयले बहते पानी में प्रवाहित करें।
3 वासुकी कालसर्प योग
राहु तीसरे भाव में और केतु नवम् भाव में इस बीच सारे ग्रह स्थित हो तो वासुकी नामक कालसर्प योग बनता है
यदि तीसरे भाव में राहु और नवम् भाव में केतु तो जातक के पास धन-दौलत और वैभव की कोइ कमी नहीं रहती। �ी सुख अनुकूल रहता है साथ ही मित्र भी हमेषा सहयोग के लिए तैयार रहते हैं। परंतु अपने से छोटे भाइयों से इनका हमेषा विरोध रहता है। परन्तु पिता से अच्छी निभती है और पिता का आज्ञाकारी पुत्र भी होता है। तृतीय भाव में राहु हो तो ऐसे वयक्ति धर्म के माध्यम से धन अर्जित करते हैं और बहुत ही प्रसिद्ध होते हैं। विदेश यात्रा करते हैं, व देश विदेश में यश प्राप्त करते हैं।
उपाय
चावल, दाल और चना बहते पानी में प्रवाह करें।
मकान के मुख्य द्वार पर अंदर-बाहर तांबे का स्वस्तिक या गणेश जी मूर्ति टांग दें।
प्रत्येक बुधवार को काले व� में श्रद्वानुसार उड़द या मूंग बांधकर, राहु का मंत्र जप कर गरीब व्यक्ति को दान में दे दें यदि दान लेने वाला कोई नहीं मिले तो बहते पानी में उस अन्न हो प्रवाहित करें। 72 बुधवार तक करने से अवश्य लाभ मिलता है।
राहु, केतु की दशा अंतर्दशा में महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जाप करें या करवायें।
4. शंखपाल कालसर्प योग
जब राहु चौथे स्थान में हो और केतु दशम् स्थान में इस बीच सारे ग्रह स्थित हो तो षंखपाल नामक कालसर्प योग बनता है
यदि राहु यहां उच्च का हो और शुभ राशि वाला हो तो सभी सुखों से परिपूर्ण होता है। और जातक की कुंडली में शुक्र अनुकूल हो तो विवाह के बाद कारोबार और धन में वृद्धि होती है। साथ ही यदि चंद्रमा लग्न में हो तो आर्थिक तंगी कभी नहीं रहती। इस जातक को 48 वर्ष की आयु में बृहस्पति का उत्तम फल प्राप्त होता है। परन्तु फिर भी सफलता के लिए इन्हें विघ्नों का सामना करना पड़ता है। लेकिन केतु दषम भाव में मेष, वृष, कन्या और वृश्चिक राशि में है तो और भी उत्तम फल प्राप्त होता है एवं शत्रु चाह कर भी हानि नहीं पहुंचा सकता। चतुर्थ में राहु व दशम में केतु हो तो ऐसे व्यक्ति राजनिति में उतार चढ़ाव रहते हुए राजनिति में अच्छी सफलता पाते हैं। ऐसे व्यक्तियों को दूसरे साथियों से न चाहते हुए भी सहयोग प्राप्त होता है
उपाय
हर रविवार हो गेहूं को पीले कपड़े में बांध कर जरुरतमंद व्यक्ति को दान दें।
रविवार के दिन 400 ग्राम धनियां बहते पानी में प्रवाह करें।
5 पद्म कालसर्प योग
पंचम भाव में राहु व ग्यारहवें भाव में केतु इस बीच सारे ग्रह स्थित हो तो हो पद्म नामक कालसर्प योग बनता है
पंचम भाव में राहु व ग्यारहवें भाव में केतु अध्यात्म की ओर प्रेरित करता है। उत्तम परिवार वाला, आर्थिक स्थिति मजबूत साथ ही उत्तम गुण एवं भोग से युक्त होता है। केतु ग्यारहवें घर में सम्पूर्ण सिद्धि व सफलता प्राप्त कराता है परन्तु इस योग में संतान पक्ष थोड़ा कमजोर रहता है। साथ ही जातक अपने भाइयों के प्रति थोड़ा कलहकारी होता है। 21 या 42 वर्ष की अवस्था में पिता को थोड़े कष्ट की सम्भावना रहती है। पंचम में राहु व एकादश में केतु हो तो ऐसे व्यक्ति सफल राजनितिक होते हैं। ऐसे व्यक्तियों को उतार चढ़ाव आते हैं परन्तु सफलता व यश अ'छा प्राप्त होता है। अधिकतर बड़े राजनितिज्ञों में यह कालसर्प योग पाया जाता है। क्योंकि यह भाव पूर्व जन्मों से सबंधित होतद्म हैं। पंचम और एकादश यह दोनों भाव ऐसे हैं राहु केतु कहीं भी बैठें हमेशा अच्छी ही सफलता मिलती है। परन्तु ऐसे व्यक्तियों को उदर (पेट) के माध्यम से शरिरिक कष्ट आता है।
उपाय
रात को सोते समय सिरहाने पांच मूलियां रखें और सवेरे मंदिर में रख आएं। संतान सुख के लिए दहलीज के नीचे चांदी की पत्तर रखें।
किसी शुभ मुहूर्त में एकाक्षी नारियल अपने ऊपर से सात बार उतारकर सात बुधवार को गंगा या यमुना जी में प्रवाहित करें।
सवा महीने जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं।
6 महापद्यम कालसर्प योग
राहु छठे में केतु द्वादश भाव में इस बीच सारे ग्रह स्थित हो तो महापद्यम नामक कालसर्प योग बनता है
इस योग में राहु को छठे स्थान में बहुत ही प्रशस्त अनुभव किया गया है। सम्पत्ति, वाहन, दीर्घायु, सर्वत्र विजय, साहसी, बहादुर और उगा प्रवाह का होता है। लोगों को बहुत सहयोग करता है। यहां तक की फांसी के फंदे से बचा कर लाने की क्षमता होती है।राहु छठे में और केतु द्वादश में हो तो ऐसे व्यक्ति धर्म से जुड़े होते हैं सभी प्रकार की प्रतिस्पर्धा में अच्छी सफलता पाते हैं तथा दान पुण्य और दूसरों की मदद में अपना सब कुछ लुटाने को ततपर रहते हैं। परंतु स्वयं कभी निरोग नहीं रहता। अनेको प्रकार की बिमारियों का सामना करना पड़ता है। यदि जातक को सट्टे या जुए की आदत लग जाए तो बर्बाद हो जाता है। आंखों की बिमारी से दूर रहना चाहिए
उपाय
गणेश जी की उपासना सर्वमंगलकारी सिद्ध होगी।
शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार से शनिवार व्रत आरंभ करना चाहिए। यह व्रत १८ बार करें। काला व धारण करके 18 या 3 राहु बीज मंत्र की माला जपें। तदन्तर एक बर्तन में जल, दुर्वा और कुश लेकर पीपल की जड़ में डालें। भोजन में मीठा चूरमा, मीठी रोटी समयानुसार रेवड़ी, भुग्गा, तिल के बने मीठे पदार्थ सेवन करें और यही दान में भी दें। रात को घी का दीपक जलाकर पीपल की जड़ के पास रख दें।
मंगलवार एवं शनिवार को रामचरितमानस के सुंदरकाण्ड का 108 बार पाठ श्रद्धापूर्वक करें।
7 तक्षक कालसर्प योग ( केतु लग्न भाव मेंं )
केतु लग्न में राहु सप्तम घर में इस बीच सारे ग्रह स्थित हो तो तक्षक नामक कालसर्प योग बनता है।
इस योग में जातक बहुत ही उंगो सरकारी पदों पर काम करता है। सुखी, परिश्रमी और धनी होता है। वह अपने पिता से बहुत ही प्यार करता है और साथ ही बहुत सहयोग करता है। लक्ष्मी की कोई कमी नहीं होती है लेकिन जातक स्वयं अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने वाला होता है। यदि अपनी संगत अच्छे लोगों के साथ रखे तो अच्छा रहेगा। गलत संगत की वजह से परेशानी भी आ सकती है। यदि जातक अपने जीवन में एक बात करें कि अपना भला के साथ साथ दूसरो का भी भला सोचे तरो जीवन में काई परे
उपाय
सात रविवार 11 नारियल बहते पानी में प्रवाह करें।
नित्य प्रति हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें और हर शनिवार को लाल कपड़े में आठ मु_ी भिंगोया चना व ग्यारह केले सामने रखकर हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें और उन केलों को बंदरों को खिला दें और प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं और हनुमान जी की प्रतिमा पर चमेली के तेल में घुला सिंदूर चढ़ाएं। ऐसा करने से वासुकी काल सर्प योग के समस्त दोषों की शांति हो जाती है।
8 कर्कोटक कालसर्प योग
केतु दूसरे भाव में राहु अष्ट्म भाव में इस बीच सारे ग्रह स्थित हो तो कर्कोटक नामक कालसर्प योग बनता है
इस योग में जातक उदार मन, समाज सेवी और धनवान होता है। परंतु वाणी पर संयम कभी नहीं रहता। साथ ही परिवार वालों से कम ही पटती है। साथ ही अपने कार्यों को बदलते रहता है। शिक्षा में समस्या आती है। साथ ही जातक हमेशा निंदा का पात्र होता है।
उपाय
चांदी का चौकोर टुकडा हमेषा अपनी जेब में रखें।
शुभ मुहूर्त में बहते पानी में मसूर की दाल सात बार प्रवाहित करें और उसके बाद लगातार पांच मंगलवार को व्रत रखते हुए हनुमान जी की प्रतिमा में चमेली में घुला सिंदूर अर्पित करें और बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद वितरित करें। अंतिम मंगलवार को सवा पांव सिंदूर सवा हाथ लाल व� और सवा किलो बताशा तथा बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद बांटे।
सवा महीने तक जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं और प्रत्येक शनिवार को चींटियों को शक्कर मिश्रित सत्तू उनके बिलों पर डालें।
9 शंखचूड़ कालसर्प योग
केतु तीसरे भाव में और राहु नवम् भाव में इस बीच सारे ग्रह स्थित हो तो शंखचूड़ नामक कालसर्प योग होता है।
इस योग में जातक दिर्घायु, साहसी, यषस्वी और धन-धान्य से परिपूर्ण होता। दाम्पत्य सुख बहुत ही अनुकूल रहता है। सर्वत्र विजय और सम्मान पाता है। परन्तु इस जातक का चित हमेशा अस्थिर रहता है।
उपाय:
राहु और केतु के बीज मंत्रों का जाप करें।
महामृत्युंजय कवच का नित्य पाठ करें इसके साथ हर रोज भगवान शिव के शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें।
चांदी या अष्टधातु का नाग बनवाकर उसकी अंगूठी हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें। किसी शुभ मुहुर्त में अपने मकान के मुख्य दरवाजे पर चांदी का स्वास्तिक एवं दोनों ओर धातु से निर्मित नाग चिपका दें।
10 घातक कालसर्प योग
केतु चतुर्थ स्थान में और राहु दशम स्थान में इस बीच सारे ग्रह स्थित हो तोघाताक नामक काल सर्प योग बनता है।
इस योग में जातक परिश्रमी, धन संचयी व सुखी होता है। राजयोग का सुख भोगता है। दषम राहु राजनिती में अवश्य सफलता दिलाता है। मनोवांछित सफलताएं मिलती है। यदि शनि अनुकूल बैठा हो तो। परन्तु जातक हमेषा अपनी जन्म भूमि से दूर रहता है। माता का स्वास्थ्य प्रतिकूल रहता है। सब कुछ होने के बाद भी जातक के पास अपना सुख नहीं होता है।
उपाय:
हर मंगलवार का व्रत करें और 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
नित्य प्रति हनुमान चालीसा का पाठ करें व प्रत्येक मंगलवार का व्रत रखें और हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर घुलाकर चढ़ाएं तथा बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।
एक वर्ष तक गणपति अथर्वशीर्ष का नित्य पाठ करें।
शनिवार का व्रत रखें और लहसुनियां, लोहा, तिल, सप्तधान्य, तेल, काला व�ा, सूखा नारियल, आदि का समय-समय पर दान करते रहें।
शनिवार का व्रत करें और नित्य प्रति दषरथकृत �ोत पाठ करें। मंगलवार के दिन बंदरों को केला खिलाएं और बहते पानी में मसूर की दाल सात बार प्रवाहित करें।
11. विषधर कालसर्प योग
केतु पचंम में राहु ग्यारहवें में तथा इस बीच सारे ग्रह आ जाए तो तो विषधर नामक कालसर्प योग बनता है।
इस योग में जातक 24 वर्ष की अवस्था के बाद सफलता प्राप्त करता है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। ग्यारहवें भाव में राहु हमेशा अनुकूल फल प्रदान करता है। उचित व अनुचित दोनों तरीकों से धन की प्राप्ति होती है। दाम्पत्य सुख बहुत ही अनुकूल रहता है। संतान सुख की कोई कमी नहीं रहती। परंतु प्रथम संतान को अवष्य कष्ट मिलता है।
उपाय:
घी का दीपक जला कर दुर्गा कवच और सिद्कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें।
सवा महीने देवदारु, सरसों तथा लोहवान - इन तीनों को जल में उबालकर उस जल से स्नान करें।
प्रत्येक सोमवार को दही से भगवान शंकर पर - ‘ú हर हर महादेव’ कहते हुए अभिषेक करें। ऐसा केवल सोलह सोमवार तक करें।
12 शेषनाग कालसर्प योग
केतु छठे और राहु बारहवें तथा इस बीच सारे ग्रह आ जाए तो शेष नाग कालसर्प योग बनता है।
इस योग में जातक हमेशा अपनी मेहनत और सूझ-बुझ से सफलता हासिल करता है। परंतु बहुत जरुरी है अपने आचरण को संयमित रखना। संतान पक्ष प्रबल होता है। दीर्घायु होता है। परन्तु ननिहाल पक्ष से हमेशा खटपट लगी रहती है।
उपाय:
काले और सफेद तिल बहते जल में प्रवाह करें। किसी भी मंदिर में केले का दान करें।
किसी शुभ मुहूर्त में ‘ú नम: शिवाय’ की 11 माला जाप करने के उपरांत शिवलिंग का गाय के दूध से अभिषेक करें और शिव को प्रिय बेलपत्र आदि सामग्रियां श्रद्धापूर्वक अर्पित करें। साथ ही तांबे का बना सर्प विधिवत पूजन के उपरांत शिवलिंग पर समर्पित करें।
हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें और मंगलवार के दिन हनुमान जी की प्रतिमा पर लाल व सहित सिंदूर, चमेली का तेल व बताशा चढ़ाएं।
Posted by Dheeraj Sharma at 2:28 AM
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Thursday, August 13, 2015
M ahila jagruti ..... क्या है आपात गर्भ निरोध? यदि यौन संबंध के समय कंडोम या अन्य कोई साधन असफल हो जाए या महिला के साथ जबर्दस्ती की जाए (जैसे बलात्कार) या परिवार नियोजन के साधन इस्तेमाल न करने की भूल हो जाए तो 72 घंटों के भीतर दवा लेकर गर्भ ठहरने से रोका जा सकता है। इसे आपात गर्भ निरोध कहते हैं। आपात गर्भनिरोध के साधन यह भ्रम फैल रहा है कि विज्ञापन में दिखाई जा रही दवा ही आपात गर्भ निरोध की एकमात्र दवा है। यह सही नहीं है। आपात गर्भ निरोध के तीन अन्य साधन हैं : लिवोनॉरजेस्ट्रॉन की एक गोली। यह दवाई की दुकानों पर उपलब्ध होती है। लिवोनॉरजेस्ट्रॉन की 1.5 मिलीग्राम की गोली यौन संबंध के बाद 72 घंटों के भीतर (अच्छा हो कि 12 घंटों के भीतर) ली जाए, तो गर्भ ठहरने से रोका जा सकता है। एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन की गोलियाँ। ये माला-डी के नाम से सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में मिलती हैं। बाजार में मिलने वाली लिवोनॉरजेस्ट्रॉन की गोली और माला-डी में बहुत अधिक फर्क नहीं है। यौन संबंध के बाद 72 घंटों के भीतर माला-डी की दो गोलियाँ दो बार, 12 घंटों के अंतराल से ली जाती हैं। परिवार नियोजन का कॉपर टी नामक साधन। यह भी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में लगाया जाता है। कई महिलाएँ आर्थिक रूप से इतनी सक्षम नहीं होतीं कि वे बाजार से गोली खरीद सकें। ऐसी महिलाओं के लिए माला-डी और कॉपर-टी सबसे अच्छे विकल्प हैं क्योंकि ये सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिलते हैं। कॉपर टी का अतिरिक्त फायदा यह होता है कि यौन संबंध के पाँच दिन बाद तक इसे लगाया जा सकता है। इसके कारण उसी ऋतु चक्र में या उसके बाद भी गर्भ को ठहरने से रोका जा सकता है। अगला ऋतु चक्र आने के बाद कॉपर टी को निकाला जा सकता है। क्रियाविधि अंडाशय में से अंडाणु बाहर आने की प्रक्रिया को ये गोलियाँ धीमा कर देती हैं या पूरी तरह रोक देती हैं। फिर भी यदि अंडाणु और शुक्राणु का मिलन हो जाए तो इन गोलियों के कारण गर्भाशय की भीतरी दीवारी में ऐसे बदलाव हो जाते हैं जिनके कारण गर्भ ठहर नहीं पाता क्योंकि निषेचित भ्रूण गर्भाशय की दीवार से चिपक ही नहीं पाता। ध्यान में रखने की बात यह है कि गर्भ ठहर जाने के बाद ये गोलियाँ काम नहीं करतीं मतलब ये गर्भ निरोधक गोलियाँ हैं, ठहरे हुए गर्भ को समाप्त करने (गर्भपात) की नहीं। एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि यौन संबंध के 12 घंटों के भीतर ये गोलियाँ ली जाएँ तो गर्भ न ठहरने की संभावना 95 प्रतिशत होती है। यदि गोलियाँ 47 से 61 घंटों के भीतर ली जाएँ तो गर्भ न ठहरने की संभावना केवल 47 प्रतिशत रह जाती है। यदि महिला ये गोलियाँ ले और वे असफल हो जाएँ तो उसके बच्चे में कई प्रकार की विकृतियाँ हो सकती हैं : उसकी योनि (यदि बच्चा मादा है) की पेशियों में कमजोरी, शरीर के अन्य अंगों में विकृतियाँ, कैंसर या हृदय रोग हो सकता है। कौन-सी माँ अपने बच्चे में इस प्रकार की विकृतियाँ देखना चाहेगी? अन्य सावधानियाँ कई लोगों को यह पता नहीं होता कि यह गोली केवल एक ही बार गर्भधारण से बचाव कर सकती है। यदि दोबारा असुरक्षित यौन संबंध हो जाए तो फिर से गोली लेना जरूरी होता है। एक अन्य खतरा यह होता है कि यदि गोली असफल हो जाए तो ठहरने वाला गर्भ माँ के पेट में, गर्भाशय के बाहर कहीं भी ठहर सकता है। इससे उस महिला की जान को गंभीर खतरा हो सकता है। अतः अगर गोली लेने के बाद दो सप्ताह के भीतर पेट में तेज दर्द उठे तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। परेशानियाँ जी मिचलाना- 20 प्रतिशत महिलाओं को पहले 24 घंटों में यह परेशानी होने लगती है। यदि गोली को दूध या भोजन के साथ लिया जाए और उल्टी न होने की दवा ली जाए तो यह परेशानी काफी कम की जा सकती है। उल्टियाँ - पाँच प्रतिशत महिलाओं को यह परेशानी हो सकती है। यदि गोली लेने के दो घंटों के भीतर उल्टी हो जाए तो गोली फिर से लेना जरूरी होता है। अनियमित मासिक धर्म - ये गोलियाँ लेने के बाद कुछ माह तक मासिक धर्म अनियमित हो सकता है या मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव की शिकायत हो सकती है। इनके अलावा सिरदर्द, चक्कर आना, थकान और स्तनों में दर्द की भी समस्या आ सकती है। कौन न लें? जिन्हें हृदय की बीमारी है। जिन्हें मस्तिष्क या शरीर के अन्य किसी भाग में रक्त का थक्का जमने की बीमारी है। माइग्रेन के मरीज जिन्हें एंजाइमा की शिकायत है जिन्हें लीवर की कोई बीमारी है बार-बार लेने पर इन दवाओं को बार-बार लेने के घातक परिणाम हो सकते हैं। स्त्रियों के प्रजनन अंगों पर इनका विपरीत प्रभाव पड़ता है। उपयोग करने के इच्छुक व्यक्तियों को चाहिए कि वे डॉक्टर से दवाओं के खराब असर, इनके असफल होने की संभावना, और गर्भाशय से बाहर गर्भ धारण की संभावना के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें। यदि अगला मासिक धर्म न आए या मासिक धर्म के समय बहुत अधिक खून बहने लगे तो दोबारा डॉक्टर से जाँच करवाना चाहिए। ND डॉक्टर से जाँच करवाकर यह सुनिश्चित कर लें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार महिला इस दवा को लेने के लिए सक्षम है या नहीं। आपात गर्भ निरोधक गोलियों का विज्ञापन जिस तरह से किया जा रहा है उससे समाज में और विशेष रूप से युवा वर्ग में यह भ्रांति फैल रही है कि बिना किसी डर के यौन संबंध बनाए जाओ। गोली है ना! लेकिन ऐसा नहीं है। एक वाहन पर लिखा था, 'सबसे अच्छा ब्रेक- मन का ब्रेक'। यही बात यौन संबंधों पर भी लागू होती है। युवाओं को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आपात गोली की जरूरत न पड़े। ऐसा न हो कि आपात गोली आफत की गोली बन जाए
Tuesday, August 11, 2015
Salman Khan is an Indian actor who appears in Bollywood films. Khan made his debut in 1989 with a supporting role in the family drama Biwi Ho To Aisi, following which he had his breakthrough role in Sooraj Barjatya'sblockbuster romance Maine Pyar Kiya, for which he earned a Filmfare Award for Best Male Debut.[1][2][3] During the early 1990s, he starred in the action drama Baaghi: A Rebel for Love (1990), the action film Patthar Ke Phool (1991), and the romance Saajan (1991), all of which were financially successful.[4][5][6]However, his other releases during this period, including Suryavanshi (1992),Jaagruti (1992), and Dil Tera Aashiq(1993), failed commercially, resulting in a brief setback in his career.[6][7] In 1994, Khan featured in the Barjatya-directed family drama Hum Aapke Hain Koun..!, which proved to be the highest-grossing Bollywood film to that point; the success of the film established his career in Bollywood.[8][9] Also that year, he featured alongside Aamir Khan in the comedy Andaz Apna Apna, which despite being a box-office flop has developed a cult status in India.[10] Khan went on to play with Shah Rukh Khan inRakesh Roshan's melodramatic thrillerKaran Arjun (1995), which emerged as the year's second highest-grossing Hindi film.[11] Among his three film releases of 1996 were the musical drama Khamoshi and the drama Jeet.[12]The following year, he played dual roles in David Dhawan's comedy Judwaa. In 1998, Khan featured in Sohail Khan'sPyaar Kiya To Darna Kya, and appeared briefly in the romantic drama Kuch Kuch Hota Hai, both of which ranked among the top-earning Bollywood productions of 1998.[13] For the latter, he was awarded the Filmfare Award for Best Supporting Actor.[14] In 1999, Khan starred in three commercially successful productions: the comedy Biwi No.1, the romantic drama Hum Dil De Chuke Sanam, and the family drama Hum Saath-Saath Hain.[15]His next roles were in the romantic dramas Har Dil Jo Pyar Karega (2000) and Chori Chori Chupke Chupke (2001), both opposite Rani Mukerji and Preity Zinta. Khan had three film releases in 2002: Tumko Na Bhool Paayenge, Hum Tumhare Hain Sanam, and Yeh Hai Jalwa. In 2003, Khan earned praise for playing a scorned lover in the romantic film Tere Naam, and made a brief appearance in the family drama Baghban.[16][17] He went on to play the lead in the top-grossing Hindi films Garv (2004), Mujhse Shaadi Karogi (2004), No Entry (2005), and Partner (2007).[18] Khan made his television debut by hosting two seasons of the game show 10 Ka Dum (2008–09). Following a series of commercial flops, including the dramas Jaan-E-Mann(2006), Salaam-e-Ishq: A Tribute to Love(2007), and Yuvvraaj (2008), Khan featured in the action thriller Wanted(2009), a box-office hit.[6][19][20] In 2010, he played a Pindari prince in the historical film Veer and a corrupt police officer in the action film Dabangg. Khan, in 2010, featured as the host of the television game show Bigg Boss; he later hosted four more seasons of the show. In 2011, he starred in the action-comedy film Ready, and played oppositeKareena Kapoor in the action dramaBodyguard. Also that year, Khan produced the children's film Chillar Partyunder his production company Salman Khan Being Human Productions, which won him the National Film Award for Best Children's Film.[21] After playing aRAW agent in the spy thriller Ek Tha Tiger (2012), he starred in the second instalment of the Dabangg film series, entitled Dabangg 2 (2012). Khan hosted two ceremonies of the award show Star Guild Awards in 2013 and 2014. Among his two film releases of 2014, the action film Kick became his seventh film to gross over ₹1 billion at the box-office.[a]
Moon history and iemej..
Moon
This article is about Earth's natural satellite. For moons in general, see Natural satellite. For other uses, see Moon (disambiguation).
Moon 

Full moon as seen from Earth's northern hemisphere
Designations
Adjectives
lunar selenic
Orbital characteristics
Perigee 362600 km
(356400–370400 km)
Apogee 405400 km
(404000–406700 km)
Semi-major axis
384399 km (0.00257 AU)[1]
Eccentricity 0.0549 [1]
Orbital period
27.321582 d
(27 d 7 h 43.1 min[1])
Synodic period
29.530589 d
(29 d 12 h 44 min 2.9 s)
Average orbital speed
1.022 km/s
Inclination 5.145° to the ecliptic[2][a]
Longitude of ascending node
regressing by one revolution in 18.6 years
Argument of perigee
progressing by one revolution in 8.85 years
Satellite of Earth
Physical characteristics
Mean radius
1737.10 km (0.273 Earths)[1][3][4]
Equatorial radius
1738.14 km (0.273 Earths)[3]
Polar radius
1735.97 km (0.273 Earths)[3]
Flattening 0.00125
Circumference 10921 km (equatorial)
Surface area
3.793×107 km2 (0.074 Earths)
Volume 2.1958×1010 km3 (0.020 Earths)
Mass 7.3477×1022 kg (0.012300 Earths[1])
Mean density
3.3464 g/cm3[1]
0.606 × Earth
Surface gravity
1.622 m/s2 (0.1654 g)
Moment of inertia factor
0.3929±0.0009[5]
Escape velocity
2.38 km/s
Sidereal rotation period
27.321582 d (synchronous)
Equatorial rotation velocity
4.627 m/s
Axial tilt
1.5424° to ecliptic
6.687° to orbit plane[2]
Albedo 0.136[6]
Surface temp. min mean max
Equator 100 K 220 K 390 K
85°N [7] 70 K 130 K 230 K
Apparent magnitude
−2.5 to −12.9[b]
−12.74 (mean full moon)[3]
Angular diameter
29.3 to 34.1 arcminutes[3][c]
Atmosphere[8]
Surface pressure
10−7 Pa (day)
10−10 Pa (night)[d
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